परावैद्युत (Dielectric)

परावैद्युत अथवा विद्युतरोधी ( insulator ) वह पदार्थ है जिसके परमाणुओं के सभी इलेक्ट्रॉन नाभिक के आकर्षण बल के बन्धन से दृढ़तापूर्वक बंधे हुए रहते हैं । अत : इसके अन्दर विद्युत चालन के लिए कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन उपलब्ध नहीं होता है अर्थात् इनमें मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या उपेक्षणीय होती है । इसलिये परावैद्युत पदार्थ में विद्युत प्रवाह नहीं हो पाता । जब किसी परावैद्युत पदार्थ के किसी बिन्दु पर कोई आवेश दिया जाता है तो वह उसी बिन्दु के निकटतम क्षेत्र में निहित रहता है , जबकि विद्युत चालक के किसी बिन्दु पर दिया गया आवेश तुरन्त चालक के सम्पूर्ण पृष्ठ पर समान रूप से फैल जाता है ।

एकपरमाणुक (monoatomic) परावैद्युत पदार्थ परमाणुओं से मिलकर बना होता है । प्रत्येक परमाणु में धनावेशित नाभिक होता है तथा इसके चारों ओर ऋणावेशित इलेक्ट्रॉन होते हैं । सामान्यत : ऋणावेशों का केन्द्र धनावेश के केन्द्र के सम्पाती ( coincident ) रहता है । अतः इस प्रकार के प्रत्येक परमाणु का नेट वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण शून्य रहता है ।

बहुपरमाणुक (polyatomic) परावैद्युत पदार्थ अणुओं ( molecules ) से बना होता है । ऐसे पदार्थों में ऋणावेश का केन्द्र धनावेश के केन्द्र के सम्पाती हो भी सकता है तथा नहीं भी । यदि ये दोनों द्रव्यमान केन्द्र एक – दूसरे से सम्पाती नहीं होते हैं तो प्रत्येक अणु में एक स्थायी वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण होता है तथा इस प्रकार के परावैद्युत पदार्थ ध्रुवी (polar) परावैद्युत कहलाते हैं ।

इसके अतिरिक्त जिन परावैद्युत पदार्थों में परमाणुओं अथवा अणुओं में धनावेश के केन्द्र तथा ऋणावेश के केन्द्र एक – दूसरे से सम्पाती होते हैं उनमें कोई नेट वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण नहीं होता । ऐसे परावैद्युत अध्रुवी ( nonpolar ) परावैद्युत कहलाते हैं ।

परावैद्युत पदार्थ मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं
(i) अध्रुवी परावैद्युत (Non-Polar Dielectric)
(ii) ध्रुवी परावैद्युत (Polar Dielectric)

(i) अध्रुवी परावैद्युत (non-polar dielectric) इस प्रकार के परावैद्युत पदार्थों के परमाणुओं / अणुओं में धनावेश का केन्द्र – बिन्दु तथा ऋणावेश का केन्द्र – बिन्दु एक – दूसरे के सम्पाती (coincident) होते हैं । अत: सामान्य अवस्था में प्रत्येक अणु का वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण (electric dipole moment) शून्य होता है । इस प्रकार के परावैद्युत का प्रत्येक अणु सममित (symmetric) रचना का होता है । उदाहरण – नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, बेन्जीन, मेथेन आदि ।

(ii) ध्रुवी परावैद्युत (Polar dielectric) इस प्रकार के परावैद्युत पदार्थों में सामान्य अवस्था में ही इसके अणुओं को असममित (asymmetric आकृति के कारण अणु के धनावेश का केन्द्र बिन्दु तथा ऋणावेश का केन्द्र बिन्दु सम्पाती (coincident) नहीं होते । अतः प्रत्येक अणु में कुछ वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण होता है । उदाहरण – अमोनिया, कार्बन डाइऑक्साइड, जल, ऐल्कोहॉल आदि ।