प्रकाश (Light)
प्रकाश एक प्रकार की ऊर्जा है, जो विद्युत चुंबकीय तरंगों के रूप में संचारित होती है। इसका ज्ञान हमें आँखों द्वारा होता है इसका तरंग दैर्ध्य 3900 Ӑ से 7800 Ӑ के बीच होता है। प्रकाश का विद्युत चुंबकीय तरंग सिद्धांत प्रकाश के केवल कुछ गुणों की व्याख्या कर पता है; जैसे– प्रकाश का व्यतिकरण एवं प्रकाश का ध्रुवण
फोटॉन (Photon)
प्रकाश ऊर्जा छोटे-छोटे बंडलो के रूप में चलता है। जिसे फोटॉन कहा जाता है। प्रकाश के फोटॉन सिद्धांत के बारे में आइन्सटीन ने बताया था।
प्रकाश की किरण (Ray of light)
प्रकाश एक सीधी रेखा में चलता है। प्रकाश के इस पथ को ‘प्रकाश की किरण’ कहा जाता हैं। विभिन्न प्रकार की छाया का बनना, सूर्य-ग्रहण चन्द्र-ग्रहण, परावर्तन, अपवर्तन, सूची-छिद्र कैमरा से उलटे प्रतिबिंब का बनना आदि प्रकाश के सीधी रेखा में चलने के कारण होता है।
प्रकाश के व्यवहार:
प्रकाश के प्रति व्यवहार के आधार पर वस्तुओं को निम्न भागों में बांटा जा सकता है–
चमकदार वस्तुएँ (luminous bodies):
वे वस्तुएँ जो स्वयं के प्रकाश से प्रकाशित होती है. जैसे– सूर्य, विधुत बल्ब आदि।
गैर चमकदार वस्तुएँ(Non-luminous Bodies): वे वस्तुएँ जिनका स्वयं का प्रकाश नहीं होता लेकिन उनपर प्रकाश डालने पर दिखाई देने लगती है. जैसे– मेज, कुर्सी आदि।
पारदर्शी वस्तुएँ (Transparent Bodies): वे वस्तुएं जिनमें से होकर प्रकाश की किरणें निकल जाती है जैसे–कांच और जल आदि।
अर्द्धपारदर्शी वस्तुएँ (Translucent Bodies): कुछ वस्तुएँ ऐसी होती है जिन पर प्रकाश की किरणें पड़ने से उनका कुछ भाग तो अवशोषित हो जाता है, तथा कुछ भाग बाहर निकल जाता है; जैसे तेल लगा हुआ कागज।
अपारदर्शी वस्तुएँ (Opaque Bodies): अपारदर्शी वस्तुएँ वे वस्तुएं है जिनमें होकर प्रकाश की किरणें बाहर नहीं निकल पाती है; जैसे– धातु आदि।
प्रकाश का विवर्तन (Diffraction of Light): प्रकाश के अवरोध के किनारों पर थोडा मुड़कर उसकी छाया में प्रवेश करने की घटना को विवर्तन कहते है।
प्रकाश का प्रकीर्णन (Scattering of Light): जब प्रकाश किसी ऐसे माध्यम से गुजरता है,जिसमें धूल तथा अन्य पदार्थो के अत्यंत सूक्ष्म कण होते है, तो इनके द्वारा प्रकाश सभी दिशाओं में प्रसारित हो जाता है, इस घटना को प्रकाश का प्रकीर्णन कहा हाता है। बैंगनी रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे अधिक तथा लाल रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे कम होता है आकाश का रंग नीला प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण होता है।
प्रकाश का परावर्तन(Reflection of Light): प्रकाश के चिकने पृष्ठ से टकराकर वापस लौटने की घटना को प्रकाश का परावर्तन कहते है। परावर्तन के दो नियम है–
- आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तीनो एक ही तल में होते है।
- आपतन कोण परावर्तन कोण के बराबर होता है।
प्रकाश के परावर्तन के प्रकार
- नियमित परावर्तन
- विसरित परावर्तन
नियमित परावर्तन (regular reflection)
इस प्रकार के परावर्तन में प्रकाश की किरणें किसी समतल चिकने परावर्तक पृष्ठ पर समानांतर दिशा में आपतित होती है। और परावर्तन के बाद भी परावर्तित किरणें समानांतर बनी रहती हैं समतल दर्पण प्रकाश का नियमित परावर्तन करता है।
विसरित परावर्तन (irregular reflection)
इस प्रकार के परावर्तन में, प्रकाश की किरणें किसी टेढ़े-मेढ़े अथवा खुरदरे परावर्तक पृष्ठ पर समानांतर दिशा में आपतित होती है। और परावर्तन के बाद परावर्तित किरणें समानांतर न होकर अलग– अलग दिशाओं में परावर्तित होती है। जिसके कारण परावर्तित किरणें एक दुसरे के समानांतर नहीं होती हैं। इसे अनियमित परावर्तन (irregular reflection) भी कहते हैं। कार्डबोर्ड, मेज, कुर्सी, दीवारें, बिना पॉलिश की हुई धातु की वस्तुओं तथा गोलीय दर्पण द्वारा विसरित परावर्तन होता हैं।