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Current Electricity: Understanding the Power of Electrons

Current Electricity: Understanding the Power of Electrons Electricity powers the modern world, lighting our homes, fueling our gadgets, and driving our industries. At the heart of this phenomenon lies current electricity, a fundamental aspect of our daily lives. In this article, we will delve into the world of current electricity, exploring its types, workings, applications, …

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Difference between the Magnetic Properties of Soft Iron and Steel

नर्म लोहे एवं फौलाद के चुम्बकीय गुणों में अन्तर (Difference between the Magnetic Properties of Soft Iron and Steel)   फौलाद की अपेक्षा नर्म लोहे की ‘ चुम्बकीय प्रवृत्ति ‘ अधिक , परन्तु धारणशीलता कम होती है । नर्म लोहा व फौलाद दोनों ही लौहचुम्बकीय पदार्थ हैं , परन्तु इनके चुम्बकीय गुणों में एक महत्वपूर्ण …

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Force on a Current Carrying Conductor due to Magnetic Field

चुम्बकीय क्षेत्र के कारण धारावाही चालक पर बल Force on a Current Carrying Conductor due to Magnetic Field   चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर धारावाही चालक पर एक बल कार्य करने लगता है । ” जब किसी धारावाही चालक को चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो इस चालक पर एक बल कार्य करने …

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Selection of Magnetic Materials

चुम्बकीय पदार्थों का चुनाव (selection of Magnetic Materials)   ( a ) स्थायी चुम्बक ( Permanent Magnet ) – स्टील का प्रयोग स्थायी चुम्बक बनाने में किया जाता है । स्थाची चुम्बक बनाने के लिए सामान्यतया स्टील का उपयोग किया जाता है । इसका अवशेषी चुम्बकत्व हुआ होता है ( धारणशीलता ) उच्च होता है …

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Interference is Impossible from two Independent Sources of Light

दो स्वतन्त्र प्रकाश स्रोतों से व्यतिकरण असम्भव (Interference is Impossible from two Independent Sources of Light) यह एक सामान्य अनुभव की बात है कि दो स्वतन्त्र प्रकाश स्रोतों ; जैसे , दो मोमबत्तियों अथवा दो वैद्युत बल्बों से प्रकाश के व्यतिकरण की घटना पर्दे पर नहीं देखी जा सकती । इसका कारण यह है कि …

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धारा नियन्त्रक

धारा नियन्त्रक   वैद्युत परिपथ में प्रवाहित वैद्युत धारा को नियन्त्रित किया जा सकता यह एक ऐसा उपकरण है जो किसी वैद्युत परिपथ में प्रवाहित वैद्युत धारा के मान को कम अथवा अधिक करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है अत : इसके द्वारा किसी वैद्युत परिपथ में धारा के मान को नियन्त्रित किया …

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प्रतिचुंबकत्व

प्रतिचुंबकत्व   प्रतिचुंबकीय पदार्थ वह होते हैं जिनमें बाह्य चुंबकीय क्षेत्र में अधिक तीव्रता वाले भाग से कम तीव्रता वाले भाग की ओर जाने की प्रवृत्ति होती है । दूसरे शब्दों में कहें तो चुंबक लोहे जैसी धातुओं को तो अपनी ओर आकर्षित करता है , परंतु यह प्रतिचुंबकीय पदार्थों को विकर्षित करेगा । चित्र …

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वैद्युत चुम्बक और उसके उपयोग

वैद्युत चुम्बक (Electromagnet)   परिनालिका के अन्दर नर्म लोहे की छड़ रखने पर परिनालिका का चुम्बकत्व कई सौ गुना बढ़ जाता है । यह वैद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव का व्यावहारिक उपयोग है । धारावाही परिनालिका एक दण्ड – चुम्बक की भाँति व्यवहार करती है । यदि इस परिनालिका के अन्दर नर्म लोहे की छड़ …

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परावैद्युत (Dielectric) क्या है?

परावैद्युत (Dielectric) परावैद्युत अथवा विद्युतरोधी ( insulator ) वह पदार्थ है जिसके परमाणुओं के सभी इलेक्ट्रॉन नाभिक के आकर्षण बल के बन्धन से दृढ़तापूर्वक बंधे हुए रहते हैं । अत : इसके अन्दर विद्युत चालन के लिए कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन उपलब्ध नहीं होता है अर्थात् इनमें मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या उपेक्षणीय होती है । इसलिये …

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Principle of Capacitor

संधारित्र (capacitor) दो चालकों को समीप लाने पर बना समायोजन ही संधारित्र है । जब एक धनावेशित चालक तथा उतने ही ऋण आवेश से आवेशित चालक एक – दूसरे के समीप लाए जाते हैं , तो यह समायोजन कहलाता है । धनावेशित चालक को धनात्मक प्लेट तथा ऋणावेशित चालक को ऋणात्मक प्लेट कहते हैं । …

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